Friday, November 6, 2009

Tryst wid Shayari


दिल दे दिया उन्हें,
और अब वो हमसे कहते हैं, उनका दिल किसी और का था,
हमारी हर धड़कन पर सिर्फ उनका नाम है,
और उनके दिल की हर दुआ में किसी और का नाम था....


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सितम पर सितम वो किये जा रहे हैं,
हम सिर्फ आँसू पिए जा रहे हैं,
अनजान हैं वोह हमारी तड़प से,
अनजान हैं वोह हर एक गम से,
शिकवे तो हैं लेकिन कह न सकेंगे,
उन्ही से मोहब्बत किये जा रहे हैं...


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चाह कर भी हाले दिल बयान न कर सके,
उम्र भर डरते रहे कहीं वो इनकार न कर दे,
जब ज़िन्दगी का आखरी मोड़ आया,
तब दिल थाम कर इज़हार किया अपनी मोहब्बत का.
और तब पता चला की,
वो भी अब तक खामोश उसी इंकार के दर से थे..


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सिर्फ इतना ही चाहा  था हमेशा,
खुशियाँ ही खुशियाँ हों अज़ीज़ के दामन में,
क्या पता था किसी रोज़ गम भी दस्तक दे जायेगी,
पेहन कर हमारा ही नकाब..


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