~ lost in thoughts ~
Saturday, January 9, 2010
Bas yun hi.....
कुछ ख्वाब शायद बंद निगाहों के लिए ही बनते हैं,
क्यूँकी डर लगता है कहीं हकीकत बनने के बाद,
वोह ख्वाब ज़िन्दगी भर एक ज़ख्म बनकर न रह जाये|
कुछ सवालों के जवाब न ही मिले तो अच्छा है,
क्यूँकी डर लगता है कहीं जवाब मिलने के बाद,
जीने की वजह रहे न रहे|
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment